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3 बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे भोला पासवान शास्त्री, लेकिन अब दाने-दाने को तरस रहा है परिवार

लॉकडाउन के दौरान देश के सभी दिहाड़ी परिवारों के सामने भूखमरी की स्थिती उत्पन्न हो गई है. ऐसे में इस महामारी से बिहार के एक पूर्व सीएम का परिवार भी वंचित नहीं रहा है. उनके बच्चे भी भूख से बिलख रहे हैं.

दरअसल 60 के दशक में बिहार के तीन बार मुख्यमंत्री रहे भोला पासवान शास्त्री के परिवार की स्थिती काफी दयनिय हो गई है. उनके परिवार की जिंदगी बेबसी में कट रही है. पूर्णिया के बैरगाछी में रह रहे भोला पासवान के परिवार की हालत इतनी बुरी है कि उनके परिवार को दो वक्त का भोजन भी नहीं मिल पा रहा है. परिवार के सामने भूखमरी की नौबत तक आ गई है.

3 बार मुख्यमंत्री रहे हैं भोला पासवान शास्त्री

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आपको बता दें कि 3 दशक पहले ही भोला पासवान शास्त्री का निधन हो गया था. उनकी अपनी कोई संतान नहीं थी. भतीजे विरंची पासवान को वे अपना बेटा मानेत थे. भोला पासवान शास्त्री बिहार के पहले दलित मुख्यमंत्री थे. 1968 में वे पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद दोबारा 1969 में और तीसरी बार 1971 में फिर से सीएम बने थे. भोला पासवान शास्त्री केंद्रीय मंत्री ,राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष और 4 बार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चुने गए. इनकी पहचान सादगी, कर्मठता और ईमानदारी है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब इनकी मृत्यु हुई तो परिवार को श्राद्धकर्म के लिए भी चंदा करना पड़ा था.

दाने-दाने को मोहताज है पूर्व मुख्यमंत्री का परिवार

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ऐसे में वक्त तो गुजरते गए लेकिन इनके परिवार की स्थिती नहीं बदली. उनके परिवार के चेहरे पर सरकारी मदद का इंतेजार करते करते झुर्रियां तक आ गईं, लेकिन मदद नहीं मिली. जिंदगी अभी भी वैसे ही कट रही है. दिहाड़ी करके कमाने खाने वाले 25 सदस्यों के इस परिवार के सिर्फ एक लोग के पास राशन कार्ड है. जिसका असर ये है कि विरंची के तीन बेटे समेत परिवार की बहू और बच्चों के सामने भुखमरी की नौबत है.