भारतीय क्रिकेट टीम (Team India) के कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने दोबारा भारत का कोच बनने के लिए अप्लाई क्यों नहीं किया ये जानने के लिए सब उत्सुक हैं. राहुल द्रविड़ ने 2021 के अंत में रवि शास्त्री (Ravi Shastri) की जगह भारतीय टीम का कोच बनना स्वीकार किया था. राहुल द्रविड़ उस समय भी भारतीय टीम का कोच नहीं बनना चाहते थे, लेकिन सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) की वजह से उन्होंने टीम इंडिया का कोच बनना स्वीकार किया था.
अब राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) के पास इस बार भी टीम इंडिया का कोच बनने का मौका था, लेकिन उन्होंने टीम इंडिया (Team India) का कोच बनने से इनकार कर दिया और दोबारा भारतीय टीम का कोच बनने के लिए आवेदन ही नहीं किया.
जय शाह ने बताया क्यों Rahul Dravid नहीं बनना चाहते हैं भारतीय टीम के कोच
राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने अभी हाल ही में भारत को 17 सालों बाद आईसीसी टी20 विश्व कप जिताया है, वहीं उनके कोचिंग कार्यकाल में भारत ने 13 सालों बाद कोई आईसीसी ट्रॉफी जीती है. राहुल द्रविड़ चाहते तो वो दोबारा भारतीय टीम के कोच बन सकते थे. बीसीसीआई भी उन्हें दोबारा टीम इंडिया का कोच बनाना चाहती थी, लेकिन राहुल द्रविड़ ने ऐसा करने से मना कर दिया.
राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने दोबारा भारतीय टीम का कोच बनने से क्यों इनकार कर दिया? इसका खुलासा अब खुद बीसीसीआई सेक्रेटरी जय शाह ने बताया है. जय शाह ने कहा कि
“उन्होंने मुझसे कहा था कि वह पारिवारिक प्रतिबद्धताओं के कारण दोबारा अप्लाई नहीं करना चाहते हैं और कोच पद छोड़ना चाहते हैं. हमने उनके फैसले का सम्मान किया. मैंने उन्हें फोर्स भी नहीं किया.”
जय शाह ने आगे कहा कि
“राहुल भाई ने पिछले साढ़े पांच साल से भारतीय क्रिकेट की सेवा की है. वह तीन साल तक एनसीए के डायरेक्टर रहे और पिछले ढाई साल से टीम इंडिया के कोच हैं.”
6 महीने के लिए बढ़ाया गया था Rahul Dravid का कार्यकाल
भारतीय टीम के कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) का कार्यकाल 2 साल का था, जो आईसीसी वनडे विश्व कप 2023 के साथ ही खत्म हो गया था. हालांकि टी20 विश्व कप 6 महीने बाद ही था और इसी वजह से बीसीसीआई ने राहुल द्रविड़ का कार्यकाल 6 महीने के लिए बढ़ाया था.
बीसीसीआई का ये फैसला सही साबित हुआ और भारतीय टीम ने उनके कार्यकाल में ही आईसीसी टी20 विश्व कप 2024 का खिताब अपने नाम किया है. राहुल द्रविड़ बतौर क्रिकेटर आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत सके थे, लेकिन बतौर कोच उन्होंने ये कारनामा कर दिखाया है.