क्रिकेट का मैदान एक ऐसा मैदान है। जहां पर न सिर्फ नए-नए रिकॉड्स बनते हैं। क्रिकेट के मैदान पर हम अक्सर वाद-विवाद लड़ाई झगड़ा जैसी चीजों को भी देखते हैं। मैदान से जहां कुछ खिलाड़ियों को अपनी किस्मत बदलने का मौका मिलता है। वही क्रिकेट के मैदान में कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हुए हैं। जिन्होंने क्रिकेट के फैंस को न सिर्फ निराश किया। बल्कि क्रिकेट के प्रति विश्वास को भी पूरी तरीके से खत्म कर दिया। आज हम आपको इसी कड़ी में एक ऐसे मैच फिक्सिंग और सट्टेबाजी के बारे में बताने वाले हैं। जिसके सामने आने के बाद क्रिकेट जगत में पूरी तरीके से हलचल मच गई थी।
क्रिकेट के मैदान पर सट्टेबाजी रैकेट का पर्दाफाश
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में भी कुछ दिन ऐसे हैं। जिन्हें काले अध्याय के रूप में याद किया जाता है। 7 अप्रैल 2000 को जब दिल्ली पुलिस ने भारतीय क्रिकेट में बड़े मैच फिक्सिंग और सट्टेबाजी का पर्दाफाश किया था। क्रिकेट जगत में चारों तरफ हंगामा हो गया था। इतना ही नहीं इस घटना का असर इतना गहरा हुआ कि दो भारतीय क्रिकेटरों का करियर पूरी तरीके से खत्म हो गया।
भारत के खिलाफ मैच में हुई थी फिक्सिंग
दरअसल यह कहानी आईपीएल के एक मैच की है। जब दिल्ली पुलिस ने एक ब्लैक लिस्टिड सट्टेबाज को साउथ अफ्रीका के कप्तान हैंसी क्रोनिए के बीच बातचीत की रिकॉर्डिंग हो पकड़ा गया था। इस रिकॉर्डिंग से साफ-साफ इस बात का पता चला कि सट्टेबाज ने साउथ अफ्रीका के कप्तान को भारत के खिलाफ नागपुर में खेले गए इस वनडे मुकाबले में जानबूझकर मैच हारने को लेकर एक मोटी रकम का ऑफर दिया। हालांकि इस घटना में सिर्फ साउथ अफ्रीका के कप्तान नहीं बल्कि कई सारे क्रिकेट खिलाड़ियों के नाम भी शामिल थे।
भारतीय खिलाड़ियों पर भी लगा था आरोप
क्रिकेट जगत में जब यह घटना सामने आई तो इसके छींटे भारतीय टीम के खिलाड़ियों पर भी आएं। जिसमें मोहम्मद अजहरुद्दीन, अजय जडेजा और सलीम मलिक जैसे खिलाड़ियों का नाम भी शामिल पाया गया। हालांकि इस घटना के सामने आने के बाद क्रिकेट प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए इन सभी खिलाड़ियों पर आजीवन प्रतिबंध लगा। दिया जिसके चलते इनका क्रिकेट करियर पूरी तरीके से खत्म हो गया।