भारतीय टीम (Team India) के दिग्गज खिलाड़ी शिखर धवन (Shikhar Dhawan) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है. शिखर धवन ने भारत के लिए अपना अंतिम मैच 2 सालों पहले खेला था. इसके बाद से उन्हें टीम इंडिया में मौका नहीं दिया गया. शिखर धवन का प्रदर्शन आईसीसी टूर्नामेंट में हमेशा से ही शानदार रहा है, लेकिन बीसीसीआई (BCCI) ने इस खिलाड़ी को टीम इंडिया से ऐसे बाहर किया कि मिस्टर आईसीसी को आईसीसी टूर्नामेंट में भी जगह नही दी.
शिखर धवन को न तो आईसीसी विश्व कप (ICC World Cup 2023), टी20 विश्व कप (ICC T20 World Cup 2024), आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (ICC World Test Championship), एशिया कप (Asia Cup) और न ही एशियन गेम्स (Asian Games) में मौका दिया गया. इसके लिए बीसीसीआई की काफी आलोचना हुई, हालांकि शिखर धवन ने 2 सालों से टीम इंडिया में वापसी का इंतजार किया, लेकिन अंत में उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को आज अलविदा कह दिया है.
Shikhar Dhawan ने विराट कोहली और रोहित शर्मा को नजरअंदाज कर इनके तारीफों के बांधे पूल
शिखर धवन (Shikhar Dhawan) ने आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फ़ॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है. शिखर धवन को बीसीसीआई काफी समय से नजरअंदाज कर रही थी, यहाँ तक कि इस दिग्गज खिलाड़ी को फेयरवेल मैच तक नहीं मिला, लेकिन शिखर धवन को इन सब बातो का न तो कोई मलाल है और न ही उनकी बीसीसीआई से कोई शिकायत है और न ही किसी खिलाड़ी या कप्तान से कोई कम्प्लेन है.
शिखर धवन (Shikhar Dhawan) मौजूदा भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के काफी करीबी रहे हैं, वहीं विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में शिखर धवन (Shikhar Dhawan) ने कई मैच खेले हैं, लेकिन उन्होंने इन दोनों खिलाड़ियों का अपने संन्यास के समय कोई नाम नहीं लिया. उन्होंने भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के तारीफों के पूल बांधे हैं.
शिखर धवन ने कहा कि जब मै अपने खराब दौर से गुजर रहा था और आउट ऑफ फॉर्म था उस समय महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने मुझ पर विश्वास दिखाया और मुझे स्टार खिलाड़ी बनाया.
Shikhar Dhawan ने महेंद्र सिंह धोनी के लिए कही ये बात
शिखर धवन (Shikhar Dhawan) ने आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया, उसके बाद शिखर धवन ने हिंदुस्तान टाइम्स से संन्यास के बारे में बातचीत की और इस दौरान उन्होंने कहा कि
‘2015 विश्व कप से पहले जब मैं खराब फॉर्म से गुजर रहा था, तब माही भाई ने मेरा बहुत साथ दिया और मैं अपने कप्तान धोनी भाई का आभारी हूं. उसने मैदान पर शांत रहना सीखा है. रोहित से मैंने टीम को एकजुट करना सीखा और विराट से मुझे अनुशासन सीखने को मिला है.’
वहीं शिखर धवन (Shikhar Dhawan) ने अपने यादगार पारी के बारे में बात करते हुए हिंदुस्तान टाइम्स से कहा कि
‘2013 में टेस्ट डेब्यू पर मोहाली में मैंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 187 रन बनाए थे. जब मैंने 85 गेंदो पर शतक लगाया तो मुझे अंदाजा नहीं था कि मैंने डेब्यू में टेस्ट में सबसे तेज शतक का वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ दिया है. मैं बस खुश था कि भारतीय टीम में मेरी जगह पक्की कर दी है. इसके बाद 2019 वनडे वर्ल्ड कप में ओवल के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई पारी भी सबसे यादगार है. पैट कमिंस की गेंद हाथ पर लगी और उंगली टूट गई. मैं तब 25 रन के स्कोर पर खेल रहा था.मैंने बस एक पेन किलर गोली खाई और बल्लेबाजी जारी रखी. मैंने उस पारी में 10 गेंदो पर 117 रन बनाए और मैन ऑफ द मैच रहा.’