Rahul Dravid toughest tour

चीखते-चिल्लाते राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid), गुस्से में लाल राहुल द्रविड़, अतिउत्साहित राहुल द्रविड़. क्या आपने राहुल द्रविड़ को कभी इस रुप में देखा है? हमेशा शांत और विनम्र रहने वाले राहुल द्रविड़ के बारे में ऐसी कल्पना भी नहीं की जा सकती है. हालांकि आपने आईसीसी टी20 विश्व कप 2024 (ICC T20 World Cup 2024) का ख़िताब जीतने के बाद आपने डगआउट में आपने राहुल द्रविड़ का ये रूप देखा होगा.

जब टीम इंडिया (Team India) के कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ट्रॉफी लेकर आए तो जैसे ही उन्होंने राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) को ट्रॉफी थमाई आपने देखा होगा कि आँख बंद करके राहुल द्रविड़ चिल्लाते हुए दिखाई दे रहे थे और ये सब बतौर कोच और खिलाड़ी उनका पहली बार आईसीसी ट्रॉफी जीतने की खुशी थी.

Rahul Dravid ने बताया क्यों मनाया आक्रामक अंदाज में जश्न

राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) अभी हाल में स्टार स्पोर्ट्स के साथ एक इंटरव्यू दिए, जिस दौरान उन्होंने अपने बेटे के बारे में एक मजाकिया बात बोली, तो वहीं अपने आक्रामक अंदाज में मनाए गये जश्न पर कहा कि

“हम पिछले कुछ समय से कई बार बड़ी ट्रॉफ़ी के क़रीब आ रहे थे. हम टी 20 विश्व कप के सेमीफ़ाइनल तक पहुंचे, हमने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फ़ाइनल खेला और वनडे विश्व कप में भी हम फ़ाइनल में थे, लेकिन हमारी टीम ट्रॉफ़ी प्राप्त करने के लिए आख़िरी लाइन को पार करने में सफल नहीं हो पा रही थी.”

राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने अपने इस बयान में आगे कहा कि

“हालांकि टी 20 विश्व कप जीतने के बाद मुझे अपनी टीम के लिए और हर उस व्यक्ति के लिए काफ़ी अच्छा महसूस हो रहा था, जिन्होंने पिछले ढाई सालों से काफ़ी मेहनत की है. इसी कारण से मैं उस तरह सेलीब्रेट कर रहा था. कुल मिला कर राहत और ख़ुशी बाहर निकल कर सामने आ रही थी. हालांकि एक बात यह भी है कि मुझे उस तरह से सेलीब्रेट करने के बारे में थोड़ा सतर्क होना पड़ेगा. मेरा बेटा मुझे देख कर सोच रहा होगा कि ‘पता नहीं मेरे पिता क्या कर रहे हैं’ (हंसते हुए).”

Rahul Dravid ने बताया इस देश के दौरे को सबसे चैलेंजिंग और मुश्किल

राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने लगभग ढ़ाई सालों तक भारतीय टीम को कोचिंग की, इस दौरान उन्होंने कई टीमों का दौरा भारतीय टीम के साथ किया. राहुल द्रविड़ ने इस इंटरव्यू में अपने कोचिंग कार्यकाल के सबसे मुश्किल दौरे के बारे में बात करते हुए कहा कि

“दक्षिण अफ़्रीका दौरा हमारे लिए काफ़ी मुश्किल दौरा था. हमने उसे दौरे पर सेंचुरियन में पहला टेस्ट जीत लिया था. हम सबको पता था कि दक्षिण अफ़्रीका में हमने कभी भी कोई टेस्ट सीरीज़ नहीं जीती है. हमारे लिए यह बहुत बड़ा मौक़ा था. हालांकि एक बात यह भी है कि हमारी टीम में कई सीनियर खिलाड़ी तब मौजूद नहीं थे. रोहित शर्मा तब चोटिल होने के कारण टीम से बाहर थे. कुछ और सीनियर खिलाड़ी भी टीम में नहीं थे. बाक़ी के दोनों टेस्ट मैच काफ़ी क़रीबी हुए. दोनों टेस्ट मैचों की तीसरी पारी में हमारे पास बड़ा मौक़ा था. हालांकि तब दक्षिण अफ्रीका की टीम ने काफ़ी बेहतर खेल दिखाया था और चौथी पारी में उन्होंने अच्छा चेज़ किया. मैं कहूंगा कि भारतीय टीम का कोच रहते हुए यह मेरे लिए सबसे मुश्किल भरे दिन थे.”

राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने इस दौरे के बारे में आगे बात करते हुए कहा कि मुझे इस दौरे से बतौर कोच काफी कुछ सिखने को मिला. राहुल द्रविड़ ने स्टार स्पोर्ट्स से आगे कहा कि

“हालांकि वहां से मुझे काफ़ी कुछ सीखने को मिला. वहां हमने अपने गेम के बारे में बहुत कुछ सीखा और यह भी सीखा कि हमें किन चीज़ों पर काम करने की ज़रूरत है. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि कोच के तौर पर आपको हमेशा एक जैसे दिन देखने को नहीं मिलेंगे. उतार-चढ़ाव आता रहेगा. यह समझने की ज़रूरत है कि आपको हमेशा जीत नहीं मिलने वाली है. बाक़ी की टीमें भी खेलने ही आई हैं और आप विश्व स्तरीय टीमों का सामना कर रहे हैं. आपको जीत और हार के बैलेंस को समझना होगा. आपके पास हमेशा जीतने का विकल्प नहीं है लेकिन आपके पास यह विकल्प ज़रूर है कि आप हमेशा अच्छी तरह से तैयारी करें. साथ ही आपके पास यह भी विकल्प है कि आप बिल्कुल सही टीम चुनें लेकिन इन सब चीज़ों के बावजूद भी आपको हार मिल सकती है और आपको उस बैलेंस को समझना होगा.”

Rahul Dravid ने सीनियर खिलाड़ियों के तारीफों के बांधे पूल

भारतीय टीम के दिग्गज कोचों में से एक राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने सीनियर खिलाड़ियों के तारीफों के पूल बांधते हुए कहा कि

“मुझे हमेशा से ऐसा लगा है कि किसी भी टीम का नेतृत्व सुपर सीनियर खिलाड़ी और कप्तान करता है. रोहित के साथ काम करना मेरे लिए एक बेहतरीन अनुभव रहा है. वह एक बेहतरीन इंसान और कप्तान हैं. इसके अलावा आप टीम के किसी भी सुपर सीनियर खिलाड़ी की बात करें – चाहे वह कोहली हों या अश्विन हों या बुमराह हों. ये सभी अपने काम के प्रति काफ़ी ईमानदार और विनम्र हैं.”

राहुल द्रविड़ ने अपने बयान में आगे कहा कि

“भारतीय टीम में कई सुपरस्टार खिलाड़ी मौजूद हैं तो लोगों को लगता है कि उनमें कहीं ना कहीं कोई ईगो होगा. हालांकि मामला इसका उल्टा है. वह अपनी तैयारी और खेल को लेकर काफ़ी ईमानदार हैं. टेस्ट क्रिकेट में आप अश्विन की भी बात करें तो वह हमेशा नई चीज़ सीखने और अपने खेल में सुधार लाने के लिए तैयार रहते हैं. सभी खिलाड़ी ऐसे ही हैं. शायद इसी कारण से वे सुपरस्टार हैं. मेरे लिए इस टीम को मैनेज करना कहीं से भी कठिन नहीं था.”

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