भारतीय टीम (Team India) के दिग्गज खिलाड़ियों में शामिल विराट कोहली (Virat Kohli) किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. विराट कोहली की फैन फॉलोइंग न सिर्फ भारत में है, बल्कि विदेशो में भी फैली हुई है. विराट कोहली वनडे, टी20 और टेस्ट में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में शामिल है. विराट कोहली ने टी20 क्रिकेट से तो संन्यास ले लिया है, लेकिन अभी भी वो भारत के लिए वनडे और टेस्ट क्रिकेट खेलते हुए दिखाई देंगे.
विराट कोहली (Virat Kohli) के वजह से कई युवा खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्हें पर्याप्त मौके नहीं मिले. आज हम आपको एक ऐसे ही खिलाड़ी के बारे में बताने वाले हैं, जो विराट कोहली युग में पैदा होने की सजा भुगत रहा है.
Virat Kohli युग में बर्बाद हो गया पृथ्वी शॉ का करियर
भारतीय टीम के दिग्गज खिलाड़ी विराट कोहली (Virat Kohli) को महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के बाद तीनों ही फ़ॉर्मेट में भारतीय टीम की कप्तानी सौंपी गई. इस दौरान भारतीय टीम कोई आईसीसी ट्रॉफी तो नहीं जीत सकी, लेकिन टीम का प्रदर्शन हर विरोधी टीम के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज में बेहद शानदार रही. विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में कई खिलाड़ियों को डेब्यू का मौका मिला और इन्ही खिलाड़ियों में एक नाम पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) का भी है.
पृथ्वी शॉ को जब भारतीय टीम में मौका मिला तो उस दौरान टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) थे, तो वहीं भारतीय टीम की कप्तानी विराट कोहली (Virat Kohli) के हाथो में थी. हालांकि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चोटिल होने की वजह से पृथ्वी शॉ बाहर हो गये और दोबारा उन्हें टीम इंडिया में मौका नहीं मिला.
पृथ्वी शॉ जिस समय भारतीय टीम का हिस्सा थे, उस समय उनकी तुलना सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) जैसे दिग्गज खिलाड़ियों से की जा रही थी. कई क्रिकेट एक्सपर्ट ये बोलते हुए नजर आते थे कि पृथ्वी शॉ में सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग दोनों की झलक एक साथ देखने को मिलती है. हालांकि विराट कोहली युग में पैदा होने की सजा इस खिलाड़ी को भगतनी पड़ी और उन्हें टीम इंडिया से बाहर होना पड़ा.
भारत के लिए कैसा रहा पृथ्वी शॉ का प्रदर्शन
पृथ्वी शॉ ने भारत के लिए पहले टेस्ट फिर वनडे और उसके बाद टी20 डेब्यू किया था. पृथ्वी शॉ ने अपना पहला टेस्ट मैच 4 अक्टूबर 2018 को वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था, तो वहीं अपना अंतिम टेस्ट मैच 17 से 19 दिसंबर 2020 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में खेला था. इस दौरान उन्होंने भारत के लिए 5 टेस्ट मैच खेले, इन 5 टेस्ट मैचों की 9 पारियों में उन्होंने 42.37 के शानदार औसत से 339 रन बनाए. इस दौरान पृथ्वी शॉ के बल्ले से 1 शतक और 2 अर्धशतक निकले थे.
वहीं उन्होंने भारत के लिए 6 वनडे मैच खेले, जिस दौरान उनके बल्ले से 31.50 की औसत से 189 रन बनाए. वनडे में पृथ्वी शॉ का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 49 रनों का रहा था. वहीं उन्होंने भारत के लिए 1 टी20 मैच खेला, जिसमे उन्हें बल्लेबाजी करने का मौका नही मिला.