भारत की आबादी 140 करोड़ है लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट टीम के प्लेइंग इलेवन में सिर्फ 11 खिलाड़ी ही खेलते हैं. ऐसे में कई खिलाडियों का इंडिया खेलने का सपना चकनाचूर हो जाता है. पहले के समय में जो खिलाड़ी इंटरनेशनल क्रिकेट में सफल नही हो पाते थे तब वह क्रिकेट छोड़कर कोई और प्रोफेशन ढूंढ लेते थे. लेकिन अब के खिलाड़ी हरफ़नमौला है अगर उनको देश के प्लेइंग इलेवन में जगह नही मिलता तब वह विदेश जाने से परहेज नही करते हैं. आज के लेख में हम ऐसे ही तीन खिलाड़ी का ज़िक्र करने वाले हैं.
सौरभ नेत्रवल्कर
सौरभ नेत्रवल्कर का जन्म भारत में हुआ था लेकिन आज वह अमेरिका के क्रिकेट खेलते हैं. वह बाएं हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज हैं जिन्होंने भारत की अंडर-19 टीम का प्रतिनिधित्व किया है. उन्होंने 2013-14 में रणजी ट्रॉफी में 22 दिसंबर 2013 को मुंबई के लिए प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया था.
लेकिन भारत में ज्यादा मौका न मिलते देख सौरभ वापस अमेरिका लौट गए और वहां से ही क्रिकेट खेलने लगे. उन्होंने अमेरिका में राष्ट्रीय टीम का कमान भी संभाला है. सौरभ नेत्रवल्कर ने अमेरिका के लिए कुल 43 वनडे खेले हैं जिनमें उन्होंने 67 विकेट हासिल किए हैं और 20 टी20 इंटरनेशनल मैचों में उनके नाम 19 विकेट दर्ज है.
इब्राहिम खलील
इब्राहिम खलील का नाम तब सुर्खियों में आया था जब उन्होंने इंडियन क्रिकेट लीग में हैदराबाद हीरोज को चैंपियन बनाया था. बाद में यह लीग बैन कर दी गई और इब्राहिम खलील अमेरिका लौट गए. सौरभ नेत्रवल्कर से पहले कप्तानी इब्राहिम खलील ने ही की थी. आप से बता दे कि इब्राहिम खलील एक विकेटकीपर बल्लेबाज थे जिनका रिकाॅर्ड शानदार है.
उन्होंने 57 फर्स्ट क्लास मैचों में 29 की औसत से 2158 रन बनाए और 186 कैच और 25 स्टंपिंग सहित 211 शिकार किए. वहीं 47 लिस्ट ए मैचों में, उन्होंने 22 की औसत से 818 रन बनाए और 59 कैच लिए और 17 स्टंपिंग किया.
तिमिल पटेल
तिमिल पटेल ने भारत के लिए ईरानी ट्राॅफी में डेब्यू किया था. घरेलू क्रिकेट में उन्होंने सात साल दिए ताकि उनको भारतीय इंटरनेशनल टीम मे जगह मिले लेकिन वह उतने काबिल नही थे. बाद में वह अमेरिका गए और वहां क्रिकेट में ट्राई किया और सफल हो गए. अमेरिका के लिए तिमिल पटेल ने 7 वनडे मैचों में 25 की औसत से 6 विकेट चटकाए. वहीं 7 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में 13 की औसत से 12 विकेट लिए है.