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मुकेश अंबानी आज नहीं होते इतना अमीर, अगर उनके जिंदगी में ये गुरु न आते, पहली बार बताया अपने गुरु का नाम

मुकेश अंबानी को वर्तमान समय में बच्चा बच्चा जानता है. दुनिया की पहली अमीर आदमी के नाम से फेमस है. अंबानी सहित पूरा परिवार लग्जरी लाइफ जीता है. बीते दिन मुकेश अंबानी ने एशिया 19 मिक्स डायलॉग 2022 को संबोधित करते हुए बहुत से मुद्दों पर अपने विचार रखें. इस दौरान उन्होंने ग्रीन एनर्जी से लेकर भारतीय इकोनॉमिक्स तक के बारे में बातचीत की. उसी समय उन्होंने पूरे इंटरनेशनल सेंटर के 2 गुरु के बारे में भी बताया. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि उन्हीं से हमें आगे के मार्गदर्शन के लिए नई राहें मिली पर आज हम इतनी ऊंचाइयों को छू पाए हैं.

अपने गुरु का बताया नाम

Mashelkar-and-Vijay-Kelkar

दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति ने अपने मार्गदर्शन कराने वाले गुरु का नाम बताया. गुरु डॉ रघुनाथ मशेलकर और डॉक्टर विजय केलकर नाम था. उन्होंने बताया कि दोनों शख्सियतों ने बहुत ही अच्छे से हमें भविष्य का नेतृत्व कराया. मैं आज उन दोनों को तह दिल से उनका सम्मान और प्रशंसा करते हैं. आप जानते हैं कि यह दो शख्स कौन है.

डॉ रघुनाथ मशेलकर

Raghunath-Anant-Mashelkar

डॉ रघुनाथ अनंत मशेलकर को लोग रमेश मशेलकर के नाम से भी जानते हैं. 30 जनवरी 1943 को गोवा के माशेल गांव में उनका जन्म हुआ था. उन्हें एक बड़े केमिकल इंजीनियर के रूप में भी एक पहचान मिली. रघुनाथ मशेलकर वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के महानिदेशक रह चुके हैं. उन्होंने 2004 से 2006 के दौरान राष्ट्रीय भारतीय विज्ञान अकादमी के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया. साथ ही डॉक्टर माशेलकर इंस्टिट्यूट ऑफ केमिकल इंजीनियरिंग के अध्यक्ष 2007 से 2018 तक ग्लोबल रिसर्च अलायंस के अध्यक्ष भी रहे हैं. विज्ञान और रसायन के खेत में उनका बड़ा योगदान रहा है यही नहीं वह पदम विभूषण पदम भूषण और पदम से पुरस्कारों से सम्मानित किए जा चुके हैं.

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डॉ विजय केलकर

VIJAY KALEKAR

डॉ विजय केलकर का जन्म 15 मई 1942 को हुआ था. एक भारतीय अर्थशास्त्री हैं वर्तमान समय में फोरम ऑफ फेडरेशन. ओटावा एंड इंडिया डेवलपमेंट फाउंडेशन, नई दिल्ली के चेयरमैन और जनवाणी के अध्यक्ष हैं. जनवाणी पुणे में मराठा चेंबर ऑफ कॉमर्स इंस्टिट्यूट एंड एग्रीकल्चर का एक सोशल इनीशिएटिव है. 4 जनवरी 2014 को श्री सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट के ट्रस्टी के रूप में नियुक्त किया गया. जनवरी 2010 तक वित्त आयोग के अध्यक्ष में भी रहे. इससे पहले 2002 से 2004 तक दे वित्त मंत्री के सलाहकार भी रहे. भारत के आर्थिक सुधारों में उनका बड़ा योगदान रहा.

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