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‘विश्वकप में विनिंग सिक्स नहीं बल्कि ये था रोंगटे खड़े करने वाला पल’, एमएस धोनी ने पहली बार बताया वर्ल्डकप 2011 का भावुक मूवमेंट

भले ही साल 2011 में भारत को जीते हुए 12 हो गए हैं लेकिन आज भी हर भारतीय के दिल में साल 2 अप्रैल 2011 के महेंद्र सिंह धोनी के सिक्सर की यादें ताजा है। जिसे मारकर महेंद्र सिंह धोनी ने 28 साल के बाद भारतीय टीम को विश्व चैम्पियन बनाया था।

यह पल सभी के लिए रोंगटे खड़े करने वाला था लेकिन भारतीय टीम के तत्कालिक कप्तान एम एस धोनी के लिए नहीं था बल्कि उनके लिए कोई अन्य पल रोंगटे खड़े करने वाला था। जिसका जिक्र हाल ही में उन्होंने आईसीसी को दिए एक इंटरव्यू में किया।

बताया रोंगटे खड़े कर देना वाला पल

भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी आईसीसी के साथ बात करते हुए कहा कि,

‘फाइनल में अंत में हमें ज्यादा रनों की जरूरत नहीं थी, साझेदारी अच्छी थी, और वहां काफी ओस भी थी। जब हम बल्लेबाजी कर रहे थे तो पूरा स्टेडियम उस समय 40 से 60 हजार फैन्स वंदे मातरम गा रहे थे, उस पल को यादकर आज भी मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं।’

धोनी ने आगे कहा कि,

‘मेरे लिए, वह जीत का क्षण नहीं था, यह 15-20 मिनट पहले था जब भावनात्मक रूप से काफी इमोशनल हो गया था। मैं मैच को खत्म करना चाहता था। हमें पता था कि हम यहां से जीतेंगे और हमारे लिए हारना काफी मुश्किल था।’

धोनी ने आगे उम्मीद जताई कि हो सकता है कि इस विश्व कप में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिले।

धोनी ने खेली थी नाबाद 91 रनों की पारी

वही आपको बता दें कि इस मैच में महेंद्र सिंह धोनी ने नाबाद 91 रनों की पारी खेली थी। उनकी पारी में 2 छक्के और 8 चौके शामिल थे। उन्होंने मैच में पहले गौतम गंभीर के साथ चौथे विकेट के लिए 109 रनों की साझेदारी की थी। इसके बाद अंत में युवराज सिंह के साथ मिलकर पांचवें विकेट के लिए 54 रनों की साझेदारी की थी।

धोनी ने 48.2 ओवर में नुवान कुलसेकरा की गेंद पर विनिंग छक्का लगाया था। जिसके साथ ही भारतीय टीम ने 28 साल बाद विश्व कप जीता था और टीम घर में विश्व कप जीतने वाली पहली टीम बनी थी। वही एम एस धोनी टी20 विश्व कप और वन-डे विश्व कप जीतने वाले दुनिया के पहले कप्तान बने थे।

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