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जहीर खान को ग्रेग चैपल ने दी थी धमकी, ‘जब तक कोच हूं, खेल नहीं पाओगे’, दिग्गज गेंदबाज ने स्वीकारा चैलेंज और फिर…

जहीर खान: क्रिकेट का मैदान एक ऐसा मैदान है, जहां पर खिलाड़ियों की किस्मत सिर्फ एक रात में बदल जाती है। जहां कुछ खिलाड़ियों को मैदान पर टिके रहने के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है, तो कुछ खिलाड़ी क्रिकेट की पॉलिटिक्स का शिकार हो जाते हैं।

आज हम आपको एक ऐसे ही खिलाड़ी के बारे में बताने वाले हैं, जिनको कभी क्रिकेट के मैदान में पॉलिटिक्स का सामना करना पड़ा और उसकी वजह से उनके करियर में काफी ज्यादा उतार-चढ़ाव आए।

कभी इस खिलाड़ी की हुई थी खूब आलोचना

दरअसल हम जिस खिलाड़ी की बात कर रहे हैं वह कोई और नहीं बल्कि गेंदबाजी के सचिन कहे जाने वाले जहीर खान हैं, उनकी आग उगलती गेंदों का सामना करना किसी भी बल्लेबाज के लिए उतना ही मुश्किल होता है, जितना अपना विकेट बचाना। जहीर खान ने घरेलू क्रिकेट में जमकर कहर बरपाया है तो वहीं उसके बाद साल 2000 में टीम इंडिया में अपनी जगह बनाई और डेब्यू में ही 3 विकेट लेकर वह पूरी दुनिया में छा गए।

क्रिकेट पॉलिटिक्स का हुए शिकार

साल 2004 में उनके अपने प्रदर्शन में गिरावट आई। जिसमें उनकी इंजरी ने सबसे बड़ा अहम किरदार निभाया इसके अलावा तेज गेंदबाज श्रीसंत और आरपी सिंह के डेब्यू के बाद टीम में वापसी करना जहीर खान के लिए एक सपने जैसा हो गया था।

1 साल बाद चैपल इंडिया के नए कोच बने जिन्होंने जहीर को चेतावनी दे दी कि जब तक वह कोच है तब तक उनकी टीम में वापसी नहीं होगी। हालांकि इसके बाद उन्होंने काउंटी क्रिकेट खेला और पहले ही मैच में 10 विकेट लेने का काम किया।

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काउंटी क्रिकेट का मिला खिलाड़ी को फायदा

काउंटी क्रिकेट का फायदा जहीर को इंग्लैंड दौर पर मिला, उन्होंने पहले ही टेस्ट में शानदार गेंदबाजी करना शुरू कर दिया। भारत ने उस समय इंग्लैंड को उसके ही घर पर करारी शिकस्त दी थी। बता दें कि टीम इंडिया की जीत में जहीर खान ने अहम भूमिका निभाई।

तीन टेस्ट मुकाबले खेलते हुए जहीर खान ने 20.35 के अवसर के साथ 18 विकेट अपने नाम किए। उसके बाद साल 2011 में वर्ल्ड कप में भी उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन दिखाया और 9 मुकाबले खेलते हुए 21 विकेट लेने का कारनामा किया, जिसके बाद धोनी ने उन्हें गेंदबाजी का सचिन कहकर पुकारा था।

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