टीम इंडिया के कोच गौतम गंभीर अपनी चयन नीतियों के लिए जाने जाते हैं। उनका मानना है कि केवल उन खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया जाना चाहिए जो लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। इस सोच के चलते, भारतीय क्रिकेट में दो होनहार खिलाड़ियों, ईशान किशन और पृथ्वी शॉ, का करियर खतरे में पड़ गया है। क्योंकि इन खिलाड़ियों ने भारतीय टीम में रहते हुए बेहतरीन प्रदर्शन नहीं किया है। जिसके कारण उन्हें टीम से बाहर होने का खामियाजा भुगतना पड़ा है।
गौतम गंभीर इस खिलाड़ी को नहीं दे रहे है मौका
ईशान किशन इस समय घरेलू क्रिकेट में शानदार फॉर्म में हैं। उन्होंने हाल ही में बुची बाबू टूर्नामेंट, दलीप ट्रॉफी, ईरानी कप, और रणजी ट्रॉफी में अद्वितीय प्रदर्शन किया है। उनके बल्लेबाजी कौशल ने उन्हें युवा क्रिकेटरों में एक प्रमुख स्थान दिलाया है। बावजूद इसके, गंभीर उन्हें नजरअंदाज कर रहे है. राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं मिल रही है। अगर यही स्थिति रही, तो ईशान के भविष्य पर संकट आ सकता है, और उनकी प्रतिभा को नजरअंदाज किया जा सकता है।
क्योंकि ईशान किशन ने अपने प्रदर्शन से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ी है। इस विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन ने अब तक भारत के लिए 2 टेस्ट, 27 वनडे और 32 टी20 मुकाबले खेले हैं। टेस्ट में उन्होंने 78, वनडे में 933 तो टी20 में 796 रन बनाए हैं। उनके नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 1 शतक और 14 अर्धशतक जमाए हैं।
यह खिलाड़ी कहलाता भारत का सचिन तेंदुलकर
पृथ्वी शॉ को पिछले कुछ समय से भारतीय टीम से बाहर रखा गया है। लेकिन उन्होंने घरेलू सर्किट में निरंतर रन बनाए हैं। हाल ही में पिक्सेल काउंटी में उनकी फॉर्म ने एक बार फिर से उन्हें चर्चा में ला दिया है। हालांकि, उनकी फिटनेस को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं, जो उनके चयन में बाधा बन रही हैं। गौतम गंभीर की चयन नीति के कारण शॉ को भी मौका नहीं मिल रहा है, जिससे उनकी क्रिकेटिंग करियर पर संकट मंडरा रहा है।
पृथ्वी शाॅ एक समय भविष्य के सचिन तेंदुलकर कहे जाते थे। इस बात की गवाही उनके आंकडे भी देते हैं। भारतीय टीम की तरफ से अब तक पृथ्वी शॉ ने 5 टेस्ट, 6 वनडे और 1 टी20 मुकाबला खेला है। टेस्ट में शॉ ने अपना डेब्यू शतकीय पारी के साथ किया था। उनके नाम टेस्ट फॉर्मेट में 1 शतक और 1 अर्धशतक दर्ज है। इसके अलावा शाॅ ने अपनी कप्तानी में भारतीय अंडर 19 टीम को विश्व कप भी जिताया है।