IND vs NZ Gautam Gambhir

भारतीय टीम (Team India) के दिग्गज खिलाड़ी और मौजूदा समय में टीम इंडिया के कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) की मुश्किलें बढ़ गई हैं. 1 नवंबर से मुंबई में होने वाले तीसरे टेस्ट मैच से पहले भारतीय कोच गौतम गंभीर को एक धोखाधड़ी मामले में बरी करने के आदेश को खारिज कर दिया है, कोर्ट ने उनकी भूमिका की और जांच करने के आदेश दिए हैं.

29 अक्टूबर को विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने इस मामले की सुनवाई करते हुए गौतम गंभीर के खिलाफ ये फैसला सुनाया है. गौरतलब है कि ये मामला रियल इस्टेट से जुड़ा हुआ है. रुद्र बिल्डवैल, एच आर इन्फ्रासिटी और यू एम आर्किटेक्चर्स के डायरेक्टर्स पर आरोप है कि उन्होंने फ्लैट खरीदारों से धोखाधड़ी की है और इसी मामले में कोर्ट ने गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) की भूमिका को भी संदिग्ध मानते हुए और जांच करने के आदेश दिए हैं.

Gautam Gambhir पर कोर्ट ने कही ये बात

29 अक्टूबर को विशेष न्यायधीश विशाल गोगने ने इस मामले पर गौतम गंभीर की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए कहा कि

“गौतम गंभीर अकेले ऐसे आरोपी हैं जिनका निवेशकों के साथ सीधा संपर्क था, क्योंकि वे रुद्र बिल्डवैल कंपनी के ब्रांड एंबेसडर थे.”

वहीं मजिस्ट्रेट अदालत ने इस मामले में गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को लेकर कहा था कि

“गौतम गंभीर को कंपनी से 4.85 करोड़ रूपये मिले थे और उन्हें 6 करोड़ रूपये वापस देने पड़े थे.”

न्यायधीश विशाल गोगने ने इस मामले में गौतम गंभीर को लेकर आगे कहा कि

“आरोपपत्र में यह स्पष्ट नहीं है कि क्या गंभीर को वापस की गई रकम में कोई धोखाधड़ी थी या यह पैसे निवेशकों से आई धनराशि से जुड़ी थी, क्योंकि मामला धोखाधड़ी से संबंधित है, इसलिए जरूरी था कि आरोपपत्र में बताया जाए कि क्या गंभीर को धोखाधड़ी से मिले पैसे का कोई हिस्सा मिला था?”

कोर्ट का मानना है कि ब्रांड एंबेसडर के अलावा कंपनी के निदेशक भी थे गौतम गंभीर

इस मामले की जांच के दौरान कोर्ट ने पाया कि गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) सिर्फ कंपनी के ब्रांड एम्बेसडर ही नहीं थे, बल्कि वो इस कंपनी के निदेशक भी थे और 29 जून 2011 और 1 अक्टूबर 2013 उन्होंने कंपनी के साथ वित्तीय लेनदेन भी किया था. ऐसे में कोर्ट का मानना है कि जिस दौरान इस कंपनी का विज्ञापन किया गया उस दौरान गौतम गंभीर सिर्फ कंपनी के ब्रांड एम्बेसडर ही नहीं बल्कि एक निदेशक थे, ऐसे में उनकी भूमिका की और जांच होना जरूरी है.

आपको बताते चलें कि इन कम्पनियों ने फ़्लैट का लालच देकर लोगों से 6 लाख से लेकर 16 लाख तक की रकम ली है और उसके बाद से उन्हें आज तक फ़्लैट नही मिल सका है. ऐसे में इस मामले में गौतम गंभीर की मुसीबत बढ़ सकती है, अगर गौतम गंभीर इस मामले में दोषी पाए गये तो उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है.

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