भारतीय क्रिकेट टीम ( Indian Cricket Team) के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ( MS Dhoni) का नाम जब आता है। तब करोड़ो देश विदेश के युवा उन्हें अपना आर्दश मानते है। क्रिकेट के मैदान के अंदर और बाहर धोनी का रुतबा काफी बड़ा है। मैदान के अंदर क्रिकेट के मैदान के बाहर उनके स्वभाव ने सभी को उनका मुरीद बना रखा हैं।
महेंद्र सिंह धोनी के करोड़ो चाहने वाले हैं। लेकिन कभी ये बात समाने नही आई कि वो किसको अपना आदर्श मानते हैं। धोनी ने कुछ समय पहले एक साक्षात्कार के दौरान ये बात बताई थी कि वो इन दो महान हस्तियों से प्रभावित हैं।
इन 2 व्यक्ति को मानते हैं अपना हीरो
एक इंटरव्यू के दौरान महेंद्र सिंह धोनी ( MS Dhoni) से पूछा गया कि वो किसको हीरो या अपनी प्रेरणा मानते हैं। जिसके जवाब में उन्होंने कहा था कि बॉलीवुड के महान अभिनेता अमिताभ बच्चन और क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर को अपनी जिंदगी में प्रेरणा के तौर पर देखते है। दोनों ही अपने क्षेत्र के महान और सबसे नामचीन दिग्गजों में गिने जाते हैं।
भारतीय क्रिकेट टीम के एक खिलाड़ी के मुताबिक जोकि उन्होंने एक इंटरव्यू के समय साझा की थी कि 2007 महेंद्र सिंह धोनी को कप्तानी देने का पहला विचार सचिन तेंदुलकर के मन में आया था। जिसके बाद उन्हें टीम का कप्तान बनाया गया और भारतीय टीम को आईसीसी टी20, आईसीसी वन डे इंटरनेशनल और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब काफी समय के बाद मिला।
दोनों दिग्गजों से सीखना चाहिए विनम्रता का गुण
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी भारत रत्न सचिन तेंदुलकर खिलाड़ियों, फैंस और दुनिया भर के लोगों के लिए एक विनम्रता का एक सटीक उदाहरण है। मैदान के अंदर हो या बाहर, कभी भी सचिन तेंदुलकर की नोक झोंक कोई भी खबर सामने नहीं आई है।
इसी तरह बॉलीवुड के नायक अमिताभ बच्चन भी पर्दे पर और असल जिंदगी में नायक भी भूमिका में नजर आते हैं। अमिताभ बच्चन के ढेरों मस्ती मजाक को किस्से मशहूर हैं। उन्हें भी काफी विनम्र श्रेणी में रखा जाता है।
महेंद्र सिंह धोनी में भी दिखती है ऐसी छवि
भारतीय क्रिकेट टीम के साथ साथ महेंद्र सिंह धोनी दुनिया के एक मात्र ऐसे कप्तान हैं जिनके पास आईसीसी की तीनों ट्रॉफी हैं। 2011 के विश्वकप में जब श्रीलंका के गेंदबाज नुआन कुलसेकरा (Nuwan Kulasekara) के खिलाफ छक्का लगातार आईसीसी विश्व को जिताया था। इसी के साथ दुनिया भर में धोनी के करोड़ो फैंस हैं, जोकि उनके मैदान के अंदर और बाहर दोनों जगह चतुरता और विनम्रता दोनों व्यवहार से वाकिफ हैं।