भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने 2024-25 के लिए भारतीय महिला क्रिकेट टीम के केंद्रीय अनुबंधों की घोषणा कर दी है। इस बार कुल 16 खिलाड़ियों को अनुबंध मिला है, जिससे महिला क्रिकेटरों को लेकर बोर्ड की गंभीरता साफ झलकती है। हालांकि, कुछ खिलाड़ियों को बाहर भी किया गया है, जिससे यह लिस्ट और भी चर्चा में आ गई है।
BCCI ने ग्रेड A में तीन दिग्गज को किया शामिल
BCCI ने इस बार भी भारतीय महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर, उपकप्तान स्मृति मंधाना और स्टार ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा को ग्रेड A में शामिल किया गया है। इन तीनों को सालाना 50-50 लाख रुपये मिलेंगे, जो महिला क्रिकेट के लिहाज से एक बड़ी राशि मानी जाती है। वहीं, ग्रेड B में रेणुका ठाकुर, जेमिमा रोड्रिग्स, ऋचा घोष और शेफाली वर्मा को रखा गया है, जिन्हें 30-30 लाख रुपये की राशि मिलेगी।
ग्रेड C में नौ खिलाड़ियों को जगह मिली है, जिसमें यास्तिका भाटिया, राधा यादव, श्रेयंका पाटिल, टिटास साधु, अरुंधति रेड्डी, अमनजोत कौर, उमा चेती, स्नेह राणा और पूजा वस्त्राकर का नाम शामिल है। इन सभी खिलाड़ियों को सालाना 10 लाख रुपये मिलेंगे।
कौन हुआ बाहर? कुछ नाम चौंकाने वाले
इस बार की BCCI के सेंट्रल कांट्रेक्ट सूची में कुछ ऐसे नाम भी हैं, जिन्हें बाहर कर दिया गया है। हरलीन देओल, मेघना सिंह, देविका वैद्य, सब्बिनेनी मेघना और अंजली सरवानी को केंद्रीय अनुबंध से बाहर कर दिया गया है।
हरलीन देओल का बाहर होना थोड़ा चौंकाने वाला है, क्योंकि हाल ही में उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना पहला वनडे शतक जड़ा था और फिर आयरलैंड के खिलाफ 89 रन की शानदार पारी खेली थी। इसके अलावा, अनुभवी स्पिनर राजेश्वरी गायकवाड़ को भी इस बार अनुबंध नहीं मिला, जो टीम इंडिया की स्पिन अटैक का अहम हिस्सा रही हैं।
महिला और पुरुष खिलाड़ियों की सैलरी में बड़ा अंतर
BCCI ने महिला और पुरुष क्रिकेटरों के लिए समान मैच फीस लागू कर दी है, लेकिन केंद्रीय अनुबंध में अब भी बड़ा फर्क नजर आता है। पुरुष टीम में ग्रेड A+ के खिलाड़ियों को 7 करोड़ रुपये, ग्रेड A को 5 करोड़, ग्रेड B को 3 करोड़ और ग्रेड C को 1 करोड़ रुपये मिलते हैं। इसके मुकाबले, महिला टीम में सबसे ज्यादा ग्रेड A की खिलाड़ियों को सिर्फ 50 लाख रुपये मिलते हैं।
हालांकि, यह अंतर धीरे-धीरे कम हो सकता है, क्योंकि महिला क्रिकेट की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और बीसीसीआई अब इस पर अधिक ध्यान दे रहा है। वुमेंस प्रीमियर लीग (WPL) की सफलता भी इस बदलाव का बड़ा कारण बन सकती है।
महिला क्रिकेट का अनोखा विकास
BCCI की इस नई सूची से यह साफ है कि भारतीय महिला क्रिकेट में अब प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। जहां कुछ खिलाड़ियों ने अपनी जगह पक्की की है, वहीं कुछ को बाहर होना पड़ा है। अब देखना होगा कि अगले सत्र में कौन सी खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से वापसी करती हैं और क्या बीसीसीआई महिला क्रिकेटरों के वेतन ढांचे में कोई बड़ा बदलाव करता है या नहीं।