हाल ही में गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने टीम इंडिया (Team India) के मुख्य कोच की भूमिका में हैं, उस समय से ही कई खिलाड़ियों की वापसी पर संकट मंडराने लगा है. गंभीर अपनी कोचिंग में युवा ब्रिगेड पर ज्यादा भरोसा जता रहे हैं. इसी कारण पुराने खिलाड़ियों को टीम से बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है. इसी में आरसीबी (RCB) टीम के तीन खिलाड़ी शामिल हैं जो घरेलू क्रिकेट में तो अच्छा प्रर्दशन कर रहे हैं इसके बावजूद वो टीम में वापसी नहीं कर पा रहे हैं.
सबसे बड़ी बात ये है कि गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) घरेलू क्रिकेट को खेलने पर महत्व जरूर देते हैं, लेकिन घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रर्दशन करने वाले खिलाड़ियों को उनकी मेहनत को फल नहीं दे रहे हैं. इन तीन खिलाड़ियों में एक खिलाड़ी तो ऐसा भी है, जो अपने दम पर भारत को आईसीसी का खिताब तक जितवा चुका है, इसके बाद भी उसकी टीम में वापसी नहीं हो रही है.
जितेश-क्रुणाल पंड्या घरेलू क्रिकेट में मचा रहे हैं तहलका
विदर्भ के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले जितेश शर्मा ने हाल ही में हुई विजय हजारे ट्राफी में शानदार प्रर्दशन किया था, लेकिन इसके बाद भी इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली सीरीज में उनको टीम में जगह नहीं मिली है. जो टीम सेलेक्शन कमेटी पर सवाल उठाता है. विकेटकीपर बल्लेबाज जितेश ने टीम के लिए 9 मैच खेले हैं, लेकिन अचानक ही उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. अब पंत और ध्रुव जुरेल के आने के बाद उनकी टीम इंडिया (Team India) में वापसी मुश्किल दिखाई दे रही है.
जितेश के अलावा हार्दिक पंड्या के बड़े भाई क्रुणाल पंड्या की टीम इंडिया में वापसी मुश्किल प्रतीत हो रही है. क्रुणाल बड़ौदा की ओर से घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रर्दशन किया था, लेकिन इसके बाद भी उनकी टीम में जगह बनती हुई दिखाई नहीं दे रही है.
उन्होंने अपना अंतिम मुकाबला 4 साल पहले 4 जुलाई 2021 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था. गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) की कोचिंग में जितेश और क्रुणाल को टीम में मौका मिलता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है.
ये प्रमुख गेंदबाज भी हैं लंबे समय से Team India से बाहर
कभी प्रमुख गेंदबाजों में गिने जाने वाले भुवनेश्वर कुमार भी टीम इंडिया (Team India) से काफी लंबे समय से बाहर चल रहे हैं. साल 2013 में चैंपियंस ट्राफी का खिताब उन्होंने अपनी धारदार गेंदबाजी के दम पर जिताया था. भुवी ने पूरे टूर्नामेंट में 6 विकेट झटके थे. इस दौरान उनका इकॉनमी महज 3.91 का रहा था.