भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने हाल ही में कोचिंग की शुरुआत की है और अपने शुरू के दौर में ही वह चौतरफा आलोचनाओ से घिरने लगे है. कोचिंग की शुरुआत में ही श्रीलंका, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया से हार के बाद गंभीर पर दबाव बढ़ चुका है. अब भारतीय टीम के ने कोच पर सनसनी खेज आरोप उन्हों के साथी खिलाड़ी ने आरोप लगाया है. दरअसल, भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के हार के बाद उनके स्टाफ कोच और उन पर कई दिग्गज आरोप लगा रहे है. इसी क्रम में भारतीय टीम के खिलाड़ी रहे मनोज तिवारी ने तो आरोप की झड़ी लगा दी है.
‘गौतम गंभीर ढोंगी है, KKR को चैंपियंन मैंने और..’,
भारत और इंग्लैंड के बीच अभी सीरीज शुरू होनी है उसके बाद भारत चैंपियंस ट्रॉफी भी खेलेगा लेकिन इसी बीच कोच गौतम गंभीर पर दिग्गज मनोज तिवारी ने आरोप लगा दिए है. और अब यह बड़ा विवाद हो चुका है. इस विवाद में नितीश राणा और हर्षित राणा जैसे खिलाड़ी भी कूद चुके है.
गौतम गंभीर पर सवाल उठाते हुए मनोज तिवारी ने कहा, “गौतम गंभीर ढोंगी हैं, वो जो बोलते हैं, वो करते नहीं है. रोहित शर्मा मुंबई के हैं और अभिषेक नायर भी वहीं के हैं. इसी वजह से रोहित शर्मा को आगे भेजा गया था. कोई जलज सक्सेना की बात ही नहीं करता है.”
उनके स्टाफ के बार में बोलते हुए कहा कि, गेंदबाज कोच का क्या यूज है जो भी कोच कहता है उसे सहमत ही होगा. मोर्ने मोर्केल लखनऊ से आये है और अभिषेक नायर KKR से आये है भारतीय कोच को पता है ये उनके फैसले के खिलाफ नहीं जायेंगे.
उन्होंने आगे कहा – KKR को चैंपियंन गंभीर ने अकेले नहीं बनाया है हम सबने मिलकर अच्छा किया है. मै, जैक कैलिस, सुनील नरेन,का योगदान रहा है, लेकिन क्रेडिट कौन ले गया. यह सब माहौल PR का है.
नितीश-हर्षित भी कूदे
इस आरोप के बाद विवाद अब बढ़ता दिख रहा है. इसी बीच नितीश राणा और हर्षित राणा ने सोशल मीडिया पर गंभीर का बचाव करते हुए लिखा . नीतीश राणा ने कहा, ‘आलोचना तर्कों के आधार पर होनी चाहिए ना कि निजी असुरक्षा की वजह से, गौती भैया हमेशा से दूसरों के बारे में सोचते हैं. प्रदर्शन को किसी तरह के प्रचार की जरूरत नहीं होती. ट्रॉफी सबकुछ बयां करती हैं.’
इसके बाद हर्षित ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर पोस्ट लिखा, ‘अपनी निजी असुरक्षा की वजह से किसी की आलोचना करना सही नहीं है. गौती भैया ऐसे इंसान हैं जो अपने से ज्यादा दूसरे खिलाड़ियों के बारे में सोचते हैं. गंभीर हमेशा बुरी फॉर्म से जूझ रहे खिलाड़ियों के साथ खड़े रहते हैं. उनके पास काफी अनुभव और ज्ञान है और वो गेम बदलने में माहिर हैं.’