Ruturaj Gaikwad: 'मैं खुश हूँ बड़े अंतर से नहीं 50 रन से हारे', हार के बाद भी कप्तान ऋतुराज है खुश, बताया जय है वजह
Ruturaj Gaikwad: 'मैं खुश हूँ बड़े अंतर से नहीं 50 रन से हारे', हार के बाद भी कप्तान ऋतुराज है खुश, बताया जय है वजह

Ruturaj Gaikwad: IPL 2025 का आठवां मुकाबला चेन्नई सुपर किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच शुक्रवार को चेपौक के मैदान में खेला गया. इस मैच में सभी को कड़ी टक्कर देखने की उम्मीद थी. चेन्नई के कप्तान Ruturaj Gaikwad टॉस जीता और पहले गेंदबाजी का चुनाव किया. बल्लेबाजी को उतारी RCB इस बार अलग रंग में नजर आ रही है.

रजत पाटीदार के कप्तानी में टीम के बल्लेबाज ने हर गेंद पर योगदान देने की कोशिश कर रहे थे. RCB के तरफ साल्ट ने तेज शुरुआत की. इसके बाद कप्तान रजत पाटीदार (51) और फिनिशिंग के लिए टीम डेविड ने काम किया.  इस तरह से 196 रन का स्कोर खड़ा किया.

कप्तान ऋतुराज (Ruturaj Gaikwad) ने किया बड़ा खुलासा, कहा- बड़ी हार नहीं बल्कि 50 रन से ही हारे

कप्तान रुतुराज गायकवाड़ (Ruturaj Gaikwad) इस लक्ष्य का पीछा करने उतरे और ज्यादा कुछ कर नहीं सके. CSK के तरफ से सबसे ज्यादा रचीन रविंद्र 41 रन इसके बाद कोई भी ज्यादा कुछ नहीं कर सका यहाँ तक धोनी भी तब उतारे जब मैच हाथ से निकल चुका था. मीच में मिली हार के बाद कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ (Ruturaj Gaikwad) ने बयान दिया और कहा कि,

“ईमानदारी से कहूं तो, मुझे अब भी लगता है कि इस विकेट पर 170 रन का स्कोर बराबर था। बल्लेबाजी के लिए यह उतना अच्छा नहीं था। फील्डिंग में खराब दिन की वजह से हमें बहुत नुकसान हुआ. दिन के अंत में, जब आप 170 रन का पीछा कर रहे होते हैं, तो आप अलग तरह से बल्लेबाजी करते हैं. जब आप बल्लेबाजी करने जाते हैं तो आपके पास थोड़ा समय होता है. जब आप ऐसे विकेट पर 20 रन अतिरिक्त का पीछा कर रहे होते हैं, जहां आपको पता होता है कि यह थोड़ा चिपचिपा होने वाला है और गेंद पुरानी होने के बाद यह रुक जाएगा, तो आपको पावरप्ले में थोड़ा अलग तरीके से बल्लेबाजी करनी होती है। यह थोड़ा धीमा और चिपचिपा हो गया। पांच ओवर तक नई गेंद काफी चिपक रही थी, वास्तव में नहीं पता कि यह कैसे हुआ.”

आगे कप्तान Ruturaj Gaikwad कहते है मै खुश हूँ बड़े अंतर से नहीं बाकि 50 रन से हारे, उन्होंने कहा कि,  

राहुल ने अपने शॉट का समर्थन किया, मैंने भी अपने शॉट का समर्थन किया, कभी-कभी यह काम करता है, कभी नहीं। ऐसे समय होते हैं जब आपके दिमाग में बराबर स्कोर होता है और शायद जब आप 20 रन अतिरिक्त का पीछा कर रहे होते हैं, तो आप हमेशा खेल से एक कदम आगे रहना चाहते हैं। यही सोच थी, जो वास्तव में काम नहीं आई। फिर भी खुश हूं कि हम बड़े अंतर से नहीं हारे और अंत में स्कोर सिर्फ 50 रन था.

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