वीरेंद्र सहवाग को नहीं भाया टीम इंडिया की ओपनिंग जोड़ी, सुझाया खुद के जैसा बतौर ओपनर विस्फोटक बल्लेबाज का नाम
वीरेंद्र सहवाग को नहीं भाया टीम इंडिया की ओपनिंग जोड़ी, सुझाया खुद के जैसा बतौर ओपनर विस्फोटक बल्लेबाज का नाम

इंडियन क्रिकेट टीम में सलामी बल्लेबाज का जिक्र होते ही सबसे पहला नाम वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) का याद आता है। अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) ने विरोधी गेंदबाजों के छक्के छुड़ाए हैं। विरेंद्र सहवाग ने 2015 में क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से सन्यास ले लिया था, लेकिन हाल में एक शो के दैरान वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) का टेस्ट क्रिकेट में संन्यास लेने का दर्द छल्का है।

वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) ने कहा कि अगर वो तब संन्यास नहीं लेते तब टेस्ट में 10, 000 रन बनाते वहीं ड्रॉप होने के साथ ही उन्होंने संन्यास लेने के बारे में सोचना शुरू कर दिया था। लेकिन सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) उन्हें समझाते थे साथ ही अनिल कुंबले (Anil Kumble) ने भी उनका सपोर्ट किया था।

सहवाग बोले अगर उन्हें ड्रॉप नहीं किया जाता तो 10,000 रन बनाते

सौरव गांगुली

वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) ने होम ऑफ सीरीज के एक शो के दौरान कहा कि जब अचानक से उन्हें अहसास हुआ कि वो टेस्ट क्रिकेट टीम का हिस्सा नहीं हैं, तब उन्हें काफी निराशा हाथ लगी थी। जिसके बाद उन्होंने कहा कि अगर इस एक साल टेस्ट क्रिकेट से उन्हे ड्रॉप नहीं किया जाता, तब वो अपना टेस्ट करियर 10 हजार रन के साथ खत्म करते।

विरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) ने कहा

“अचानक मुझे अहसास हुआ कि मैं टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं हूं, मैं बहुत निराश हो गया। अगर मुझे उस एक साल के लिए ड्रॉप नहीं किया जाता, तो मैं अपना टेस्ट करियर 10 हजार से ज्यादा रनों के साथ खत्म करता”।

राहुल द्रविड़ की कप्तानी में हुए थे सहवाग बाहर

SACHIN, SOURAV AND DRAVID

वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) को राहुल द्रविड़ की कप्तानी में 2006-07 में भारतीय टेस्ट सीरीज से बाहर कर दिया गया था। वो दक्षिण अफ्रीका सीरीज का हिस्सा भी नहीं रहे थे। खराब प्रदर्शन के चलते चयनकर्ताओं ने उन्हें ड्रॉप करने का निर्णय किया था। हालांकि इस समय की वनडे और टी20 टीम में वीरेंद्र सहवाग को जगह मिली हुई थी।

2007-08 के समय भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के साथ दौरे पर थी, जिसमें वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) की टीम में वापसी हुई थी। जिसके एडिलेड ओवल में आखिरी टेस्ट की पहली पारी में वीरेंद्र सहवाग ने 63 और दूसरी पारी में 151 रन बनाए थे।

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सचिन तेंदुलकर ने समझाया तो अनिल कुंबले ने किया सपोर्ट

सचिन सहवाग

वीरेंद्र सहवाग (Virendra Sehwag) ने कहा कि

“जब वो नेशनल टीम से ड्रॉप किए गए थे, तब वो संन्यास के विषय में सोच रहे थे, लेकिन सचिन तेंदुलकर ने उन्हें समझाया था। तो वहीं अनिल कुंबले ने वीरेंद्र सहवाग से कहा था कि जब तक वो कप्तान हैं, तब तक उन्हें टीम से ड्रॉप नहीं किया जाएगा। वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि करियर की शुरुआत में सौरव गांगुली ने और आखिर में अनिल कुंबले ने उन पर भरोसा जताया।”

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