ROHIT VIRAT AND HARDIK

भारत टी-ट्वेंटी विश्व कप से बाहर हो गया है. सेमीफाइनल में इंग्लैंड ने भारत को 10 विकेट से हरा दिया. विराट कोहली के कप उठाने का सपना एक बार फिर से चूर-चूर हो गया. टॉस हारकर भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 168 रन स्कोर खड़ा किया. जवाब में इंग्लैंड ने यह लक्ष्य बिना विकेट खोए ही प्राप्त कर लिया और भारत को 10 विकेट से हरा दिया. इस लेख में हम बात करेंगे उन तीन वजहों की जिसके वजह भारत चैंपियन नही बन पाया.

सलामी बल्लेबाजों का लचर प्रदर्शन

इस पूरे टूर्नामेंट में भारत के तरह से पहले विकेट के लिए एक भी अर्धशतकीय साझेदारी नही हुई. जहाँ पूरे विश्व कप में रोहित के बल्ले से एक अर्धशतक लगा तो केएल ने सिर्फ दो अर्धशतक लगाया. सेमीफाइनल के अहम मैच में भी केएल राहुल सिर्फ 4 रन बनाकर पवेलियन लौट गए और भारत पर एक अतिरिक्त दवाब डाल गए.

कप्तान रोहित शर्मा भी पूरे विश्व कप में अपने लय में नही दिखे. उनका बल्ले से प्रदर्शन बहुत ही साधारण रहा. भारत का सलामी बल्लेबाज नही चले यह भारत की हार का एक बड़ा कारण है.

युजवेंद्र चहल को मौका नही

टी-ट्वेंटी विश्व कप से पहले भारत के प्रमुख स्पिनर युजवेंद्र चहल थे लेकिन उनको टूर्नामेंट में एक भी मैच में नही खिलाया गया. इंग्लैंड के खिलाफ चहल ने 11 मैचों में 16 विकेट लिए जबकि अश्विन ने 5 मैचों में सिर्फ एक विकेट लिया था.

सेमीफाइनल के मैच में भी लेग स्पिनर को टर्न मिल रहा था, लेकिन भारत के पास कोई लेग स्पिनर था ही नही जो भारत को वह वैरिऐशन दे सके.

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अर्शदीप का ख़राब इस्तेमाल

सेमीफाइनल में मुक़ाबले में ऐसा लग रहा था कि रोहित शर्मा कुछ समझ नही पा रहे थे. शुरू से ही उन्होंने आक्रमण क्षेत्ररक्षण नही लगाया. ऊपर से जहाँ अर्शदीप सिंह की गेंद स्विंग कर रही थी वहाँ उनको सिर्फ एक ओवर देकर उनको सीधे 10 वें ओवर में गेंदबाजी दी गई.

इससे अर्शदीप सिंह का लय टूट गया और वह भी महंगे साबित हुए. इन फैसलों के वजह से भी भारत इस बार चैंपियन नही बन सका.

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