भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) में मौका ना मिलने के बाद खिलाड़ी शेल्डन जैक्सन (Sheldon Jackson) से जब अनेक टीम में जगह को लेकर सवाल पूछा गया तब उन्होंने बताया कि जब टीम में उन्हें नही चुना गया और इस पर उन्होंने किसी से बात की। जिसका जवाब खिलाड़ी को मिला कि हम 30 के ऊपर किसी को नहीं चुन रहें हैं। जिसके बाद शेल्डन जैक्सन ( Sheldon Jackson) ने कहा कि बोर्ड की नजर में वो बूढ़े हो गए हैं, 30 साल के ऊपर किसी को टीम में जगह नहीं है।
शेल्डन जैक्सन ने कहा बोर्ड की नजर में मैं बूढ़ा हूं
भारतीय खिलाड़ी शेल्डन जैक्सन ने घरेलू क्रिकेट में 50 की ज्यादा औसत से करीब 6,000 रन बनाए है। लेकिन इसके बाद भी उन्हें राष्ट्रीय टीम में मौका नही मिला। जिसके बाद ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि चयनकर्ताओं और टीम मैनेजमेंट कुछ गलती हुई हैं।
शेल्डन जैक्सन ने 79 प्रथम श्रेणी मैचों में 50.39 की औसत से कुल 5,947 रन बनाए जिसमें 19 शतक और 31 अर्धशतक भी बनाए हैं। जिसके बाद जब खिलाड़ी में पूछा गया कि इस प्रदर्शन के बाद भी टीम में जगह क्यों नहीं मिली, इसपर उनका क्या मानना है।
तब शेल्डन जैक्सन ने कहा
” कोई बातचीत नहीं हुई है लेकिन एक बार जब मैंने किसी से इस बारे में पूछा था कि मुझे और क्या करने की ज़रूरत है कि मैं टीम में चुना जाऊ। तब मुझसे बताया गया था कि मैं बूढ़ा हो गया हूं। उन्होंने मुझे बताया कि वो भारतीय टीम में 30 से ऊपर उम्र में किसी को नहीं चुनते हैं। लेकिन अंत में बाद में एक साल बाद ऐसे खिलाड़ी को चुना जोकि 32-33 उम्र के आसपास था। क्या कोई कानून है कि आप 30, 35 या 40 से ऊपर हो जाते हैं तो आपको चुना नहीं जा सकता? तो आप कानून क्यों नहीं लाते?”
घरेलू सीजन में लगातार रन बना रहे हैं शेल्डन जैक्सन
शेल्डन जैक्सन भारतीय टीम में जगह ना मिलने के बाद भी लगातार रन बना रहें हैं। उन्होंने आगे अपनी बातचीत में कहा कि
“ईमानदारी से अगर में ये कहूं सिर्फ इस साल नहीं हुआ है, ये सारी चीजें शुरुआत से ही हुई है। इतने रन और इस गति से मैंने उन्हें हासिल किया है, मुझे ऐसा नहीं लगता कि (टीम में मौजूद) देश में कई क्रिकेटर्स ने ऐसा किया है। 75 मैच और लगभग 6000 रन हैं जोकि ये दिखाते हैं मैंने अपनी कड़ी मेहनत से क्या हासिल किया है। ये काफी मुश्किल है क्योंकि साल-दर-साल, आप कड़ी मेहनत करते हैं। घरेलू क्रिकेट में लगातार प्रदर्शन करते इतना मुश्किल है, नियमित रन बनाना। लेकिन मेरे लिए ये एक प्रेरणा है, जितना ज्यादा टीम में मुझे नहीं चुना जाता, उतना ही मैं इसे गलत साबित करने के लिए और भी दृढ़ हो जाता हूं। लोगों को साबित करने के लिए नहीं बल्कि ये दिखाने के लिए कि मुझमें अभी भी भूख है”।