रोहित और विराट के आराम करने पर बोले BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली, कहा- मैंने अपने देश के लिए लगातार 13 साल खेले मुझे..

भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) में कुछ मैच के बाद खिलाड़ी ब्रेक की मांग करते नजर आते हैं। वेस्टइंडीज सीरीज के लिए सामने आया है कि विराट कोहली (Virat Kohli) ने खुद से ब्रेक की मांग की है। इसलिए उन्हे सीरीज में जगह नहीं दी गई है। अब इस बारे में बहस छिड़ गई है कि बार बार ब्रेक लेने से क्या खिलाड़ी फॉर्म में आ सकते हैं?

हाल में इरफान पठान (Irfan Pathan) ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय समाने रखी थी। अब भारतीय क्रिकेट बोर्ड अध्यक्ष और शानदार करियर के मालिक सौरव गांगुली (Sourav Ganguli) ने भी इस पर अपनी बात सामने रखी है। सौरव गांगुली ने कहा है कि मैने लगातार 13 साल क्रिकेट खेला है।

मैने भारत के लिए लगातार 13 साल क्रिकेट खेला है : सौरव गांगुली

सौरव गांगुली

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी और कप्तान रह चुके  गांगुली जोकि अपने समय के बेहतरीन कप्तान और खिलाड़ी भी रहे थे। उन्होंने भारतीय टीम के लिए लगातार 13 साल क्रिकेट खेलने की बात कही है। उनका कहना है कि आज कल के क्रिकेटर जिस तरह से आम तौर पर ब्रेक की मांग कर देते है। ऐसा नहीं था। टीम से बाहर रहने को भी ब्रेक माना जाता था। साथ ही डोमेस्टिक क्रिकेट खेलने को लेकर भी बात बातचीत की।

सौरव गांगुली ने कहा,

“मुझे नहीं लगता है कि डोमेस्टिक क्रिकेट खेलना इतना मुश्किल रहा था। लेकिन ये सारी परिस्थिति ही काफी मुश्किल हो गई थी, क्योंकि यह मेरी बल्लेबाजी और गेंदबाजी क्षमता से बाहर था, जिसपर मेरा कोई नियंत्रण नहीं था। मैंने भारत के लिए लगातार 13 साल तक क्रिकेट खेला था। वो भी बिना ब्रेक लिए। मैंने उस दौरान कुछ भी नहीं छोड़ा था, ना कोई सीरीज और ना ही किसी दौरे को। मैंने तो तब किसी भी तरह का कोई ब्रेक नहीं लिया था जैसा कि आजकल के क्रिकेटर आम तौर पर लिया करते हैं। इसलिए मुझे लगता है कि टीम से बाहर होने के बाद जो वक्त था। मैं उसी 4 से 6 महीने के समय को ब्रेक मानता हूं। वो ही मेरे 13 साल के लगातार करियर में ब्रेक की तरह आया था जोकि मेरे पूरे 17 साल के इंटरनेशनल करियर में आया था”।

Also Read : दिनेश कार्तिक के डेब्यू मैच में खेलने वाला यह खिलाड़ी बन चुका है ICC अंपायर, DK के साथ अंपायर बनके उतरा मैदान में

मुझे पता था मेरे अंदर काफी क्रिकेट बचा है

सौरव गांगुली

सौरव गांगुली ने आगे कहा कि,

” मैं गुस्से में जरूर रहता था और कभी कभी निराशा में भी रहता था। लेकिन इसके बाद भी दोगुनी मेहनत करता था। मैने खुद को साबित करने का निर्णय ले लिया था। जिससे कि अपनी बात बता सकूं। मुझे उस समय मुझे इस बात का पता था कि मेरे अंदर काफी क्रिकेट बचा हुआ है। मैंने खुद को इस बात के लिए समझाया और उसको अपनी बात साबित करके दिखाउंगा जिनका मेरे पूरे जीवन में सबसे ज्यादा महत्व है”।

Also Read : ‘ठीक से खड़ा भी नहीं हो पाता बल्लेबाजी क्या ख़ाक करेगा’ ऋषभ पंत और रोहित की फिटनेस पर भड़का यह दिग्गज

Exit mobile version