आईपीएल का पहला क्वालीफायर गुजरात टाइटंस और राजस्थान रॉयल्स के बीच खेला गया था. इस मैच को गुजरात टाइटंस ने 7 विकेट से जीत फानल का टिकट कटा लिया है. क्वालीफायर के इस मैच में राजस्थान की तरफ से दिग्गज स्पिनर्स आर अश्विन और युजवेंद्र चहल को गुजरात के लिए बड़ा ही खतरनाक माना जा रहा था. इस क्वालीफायर मैच से पहले चहल के नाम 26 और अश्विन के नाम 11 विकेट हैं. दोनों की जोड़ी गुजरात के आगे टिक नहीं पायी.
दोनों ने अपने ओवर्स पर लुटाए खूब रन
इस मैच में अश्विन ने अपने 4 ओवरों में 10 की इकॉनमी से 40 रन दिए और एक भी विकेट नहीं हासिल कर पाए. वहीं, युजवेंद्र चहल ने अपने 4 ओवरों 8 की इकॉनमी से रन लुटाते हुए 32 रन दिए. दोनों ने मिलकर 8 ओवरों में 72 रन दिए और कोई विकेट लेने में कामयाब नहीं रहे.
गुजरात की कौन सी रणनीति दोनों पर पड़ी भारी
मैच से पहले यही कहा जा रहा था कि गुजरात के लिए दोनों को खेलना इतना आसान नहीं होगा. गुजरात को आखिर के 5 ओवरों में जीत के लिए 50 रन चाहिए थे. तब दोनों के ओवर बचे हुए थे. गुजरात की तरफ से बल्लेबाज़ी कर रहे कप्तान हार्दिक पांड्या और डेविड मिलर ने दोनों के खिलाफ बड़े इतमिनान से खेलने की रणनीति बनाई. दोनों के ओवर में ज्याद प्रयास नहीं किए और सिर्फ एक बॉउंड्री का टारगेट रखा जिसमे दोनों(हार्दिक और मिलर) सफल हुए और हर ओवर में 10-12 लेने में कामयाब हुए.
राशिद खान क्यों साबित हुए बूटी
गुजरात की तरफ से खेलने वाले स्पिनर राशिद खान ने अपने 4 ओवरों में भले ही विकेट न ली हो, लेकिन उन्होंने अपने 4 ओवरों में सिर्फ 15 रन दिए. राशिद के पास तरह-तरह की गुगली मौजूद हैं, जो बल्लेबाज़ को आसानी से परेशान कर देती है. गुगली के अलावा वो अपनी फिंगर्स और कलाई का भी इस्तेमाल करके बल्लेबाज़ों को परेशानी में डाल डेते हैं. इस मैच भी उन्होंने ऐसा ही किया और वो मैच में एक कामयाब गेंदबाज़ के रूप में निकलकर आए.