IND vs BAN

मेहदी हसन: भारतीय क्रिकेट टीम ( Team India) और बांग्लादेश क्रिकेट टीम के बीच तीन मैच की वन-डे सीरीज ( IND VS BAN) खेली जा रही है। इसमे पहले ही मैच में बांग्लादेश ने सीरीज में एक विकेट से जीत हांसिल करके सीरीज में 1-0 की बढोत्तरी कर ली है। पहले मैच के लिए बांग्लादेश के जीत के हीरो ऑलराउंडर मेहदी हसन रहे।

ऑलराउंडर मेहदी हसन (Mehidy Hasan) 8वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए। तब बांग्लादेश के हाथ से मैच निकल चूका था और भारतीय टीम जीत के बिलकुल करीब थी, लेकिन मेहदी और मुस्ताफिजुर रहमान ने मिलकर बांग्लादेश को ढाका में भारत के खिलाफ जीत दिलाई। मैच के बाद मेहदी का कहा कि मुस्तफिज ने मुझपर विश्वास करना कभी बंद नहीं किया।

मुझे पूरा विश्वास था कि हम जीत सकते हैं: Mehidy Hasan

मेहदी हसन मैच के हीरो रहे, उन्होंने मैच के बाद कहा कि

“हो सकता है कि लोग मुझे पागल कहें, लेकिन मुझे पूरा विश्वास था कि हम जीत सकते हैं। मैंने केवल मैच जीतने पर ध्यान लगाया। मैं खुद से कहता रहा कि मैं यह कर सकता हूं। मैंने सोचा कि मैं इबादत के साथ 15 रन बनाऊंगा, हसन महमूद के साथ 20 रन और मुस्ताफिज के साथ शेष 15-20 रन, लेकिन दो विकेट गिरने के बाद आखिरी विकेट शेष रहने के कारण करो या मरो की स्थिति बन गई”।

मैंने चांस लिया और यह काम आया: मेहदी हसन

जीत के बाद अपने बैटिंग पार्टनर मुस्तफिजुर रहमान से क्रीज पर हुई बातचीत के बारे में बात करते हुए मेहदी हसन ने कहा

“तुम मेरी चिंता मत करो। मैं अपने अंत में गेंद को रोकूंगा। मैं शरीर पर गेंद लूंगा, लेकिन मैं आउट नहीं होऊंगा। अगर मैं सोचाता कि हम हार जाएंगे या बाकी रन नहीं बना पाएंगे, तो काम नहीं करता। यह निश्चित रूप से करो या मरो की स्थिति थी। हिट करने की कोशिश में आउट होने में कोई दिक्कत नहीं थी। जब हमें 50 रनों की जरूरत थी, तो मैंने चांस लिया और यह काम आया।”

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मुस्तफिजुर ने मुझे काफ़ी प्रोत्साहित किया: मेहदी हसन

मेहदी हसन ने आगे कहा कि

“जब हमें 14 या 10 रनों की जरूरत थी, तब मैं उत्साहित हो गया। हमने कई करीबी मैच गंवाए हैं, लेकिन मुस्तफिजुर मुझे प्रोत्साहित करते रहे। जल्दी मत करो, छक्का मारने की कोशिश मत करो। आप मैदान के साथ बल्लेबाजी करते हैं, हम रन बनाएंगे। मैं अपने गेम प्लान को लेकर बहुत स्पष्ट था। मुझे पता था कि मैं क्या करना चाहता हूं। मुझे लगता है कि इससे भी मदद मिली”।

आगे अपनी बातचीत में मेहदी हसन ने कहा कि

“मुस्तफिज मेरे अच्छे दोस्त हैं। उन्होंने मेरा बहुत समर्थन किया। एक चीज जो सबसे अलग थी, वह थी उनका आत्मविश्वास। वह मुझसे कहते रहे, तुम मेरी चिंता मत करो। मैं अपने छोर पर गेंद को रोकूंगा। मैं शरीर पर गेंद लूंगा। उनका आत्मविश्वास मुझ पर टूट पड़ा। वह मुझे अपनी चिंता न करने के लिए कहता रहा”।

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Published on December 5, 2022 8:54 am