Mustard Oil: इस बार देश में सरसों की पैदावार काफी अच्छी हुई है, जिसके चलते इसका असर सरसों तेल पर सीधा पड़ेगा। Vegetable oil traders association के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सुरेश नागपाल ने बताया है कि इस बार देश में सरसों की पैदावार बहुत अच्छी हुई है उनका कहना है कि देश में अब की बार 110 लाख टन सरसों की फसल हुई है। पिछले महीने मार्च में 16 लाख टन सरसों की पेराई हुई थी। जिसकी पराई में करीब साढ़े 5 लाख टन तेल निकला।
अगर हम इस महीने की बात करें तो इस महीने सरसों की आवक 1लाख हुई है। लेकिन अभी इसका असर मंडियों में दिखाई नहीं दे रहा है। क्योंकि मंडियों में अभी उतनी सर सर नहीं पहुंच पाई है जितनी पहुंचने चाहिए थी। किसान सोच रहे हैं कि सरसों हो सकता है कि आगे महंगी हो जाए तभी वह बेचेंगे।
सरसों से लेकर अन्य तेल तिलहन का लगाया गया स्टाॅक
आपको बता दें सुरेश नागपाल ने आगे बताया है कि सरसों तेल से लेकर अन्य तेल तिलहनो का स्टाक लगा हुआ है। पामोलिन सोयाबीन और सरसों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। आने वाले 2 महीनों तक सबसे ज्यादा सरसों पर प्रेशर रहेगा क्योंकि सरसों तेल खराब नहीं होता जिसके चलते सरसों का स्टॉक काफी हद तक लगा लिया गया है।
क्रूड पाम आयल मलेशिया और इंडोनेशिया से आ रहा है वही अगर सोयाबीन तेल की बात करें तो ब्राजील और अर्जेंटीना से आ रहा है। आपको बता दें सरसों तेल के दामों में तो सुधार आया ही है साथ में अन्य तेल तिलहन में भी भारी सुधार देखने को मिल रहा है।
सरसों तेल की कीमतों में आया सुधार
आपको बता दें सोयाबीन तेल और पामोलिन तेल सीपीओ तेल में काफी सुधार देखने को मिल रहा है। सरसों तेल में भी भारी गिरावट देखने को मिल रही है , सरसों तेल इस वक्त थोक रेट में 148 रुपए प्रति किलो पर मिल जाता है। अगर खुदरा दामों की बात करें तो खुदरा दामों में सरसों तेल अपने अधिकतम रेट पर155-160 रुपए प्रति लीटर तक बेचा जा रहा है आयातित तेलों की अगर बात करें तो वह देसी तेलों से काफी महंगे हैं देसी तेलों में 12 -13 रुपए किलो गिरावट दर्ज की जा रही है ।
Published on April 14, 2022 10:17 pm