पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी के दौरान भारत दो वर्ल्ड कप सहित एक आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतने में कामयाब रहा। महेंद्र सिंह धोनी लिवफास्ट के एक इवेंट के दौरान शिरकत करने पहुंचे, जहां विकेटकीपिंग और अन्य कई चीजों के बारे में उन्होंने बात की।
धोनी का एक पब्लिक इवेंट में शामिल होना किसी दुर्लभ अवसर से कम नहीं था। धोनी जब नहीं खेलते हैं, तो वह मीडिया से अधिक बात भी नहीं करते हैं। मौजूदा समय में आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान 40 वर्षीय महेंद्र सिंह धोनी ने विकेटकीपिंग को लेकर एक बहुत ही दिलचस्प बात कही।
महेंद्र सिंह धोनी ने युवा विकेटकीपरों को दी ये सलाह
महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि
“मैंने अपने क्रिकेट खेलने की शुरुआत हर बच्चे की ही तरह टेनिस बॉल से की थी।और टेनिस बॉल के दौरान अगर इसे पकड़ते समय सॉफ्ट हैंड का इस्तेमाल नहीं किया जाता। तो बॉल हाथों से निकल जाती है। कुछ ऐसा ही नियम लेदर गेंदों पर भी लागू होता है। और सीनियर लेवल के क्रिकेट में भी कुछ ऐसा ही होता है।”
लेकिन अगर सीनियर लेवल को देखा जाए, तो कीपरों के पास मॉडल डे के ग्लव्स उपलब्ध हैं। जिसके साथ हमेशा गेंद को पकड़ते समय सॉफ्ट हैंड का इस्तेमाल करना अनिवार्य नहीं है।
एमएस धोनी ने कहा, कि
“इच्छुक विकेटकीपरों को कोच द्वारा हमेशा सही गेंद लेने के लिए कहा जाता है। लेकिन आधुनिक समय के ग्लव्स को देखते हुए किसी से भी आसानी से बॉल को छीनना संभव है। खासकर उस समय जब आप रन आउट करने की कोशिश में लगे हों।”
किरण मोरे ने मुझे बताया कि प्रैक्टिस तकनीकी से भी अधिक महत्वपूर्ण है: धोनी
पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी ने कहा, कि
“जहां तक लेदर गेंद से विकेटकीपिंग की बात करें, तो मुझे बहुत अधिक सहायता मिली है। शुरुआती दौर में जब चयनकर्ता किरण मोरे थे तब वह आस-पास टीम के बहुत अधिक रहते थे। मेरी कीपिंग में उन्होंने काफी मदद की। जिसके चलते मेरी विकेट कीपिंग तकनीकी सबसे अलग है। किसी को भी मैंने कभी कॉपी नहीं किया है।”
फिर धोनी ने आगे कहा कि
“हम जो विकेटकीपिंग ग्लव्स पहनते हैं। उसके अंदर रबड़ और रबड़ के अंदर कॉटन भरी होती है। जिसके चलते वह काफी नरम भी नजर आता है जब विकेटकीपर के ग्लव्स पर गेद लगती है तो खिलाड़ी उसे आराम से पकड़ सकता है।”