भारतीय क्रिकेट टीम को इंग्लैंड से वेस्टइंडीज के लिए रवाना होना था। जाहिर तौर पर भारतीय टीम हवाई यात्रा करके अपने अगले गंतव्य तक पहुंची। लेकिन इस बार बीसीसीआई ने टीम को नियमित फ्लाइट से नहीं बल्कि कई बड़ी बड़ी फुटबॉल टीम की तरह प्राइवेट फ्लाइट से पोर्ट ऑफ स्पेन भेजा। वेस्टइंडीज के साथ भारतीय टीम पहले तीन वन डे मैच खेलेगी। इसके बाद पांच टी20 मैच की सीरीज भी खेलनी है। जानिए आखिर क्या थी वजह जो टीम इंडिया को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने प्राइवेट प्लेन से भेजा।
3.5 करोड़ खर्च करके भेजा टीम इंडिया को चार्टर्ड फ्लाइट से
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने टीम इंडिया के लिए इंग्लैंड से वेस्टइंडीज के लिए 3.5 करोड़ की एक चार्टर्ड फ्लाइट का प्रबंध किया। जोकि मंगलवार को भारतीय क्रिकेट टीम को पोर्ट ऑफ स्पेन ले गई।
“बीसीसीआई ने चार्टर्ड फ्लाइट पर 3.5 करोड़ रुपये खर्च किए, ये फ्लाइट टीम इंडिया को मंगलवार दोपहर मैनचेस्टर से पोर्ट ऑफ स्पेन ले गई। टीम के लिए चार्टर्ड फ्लाइट बुक करने का कारण कोविड – 19 नहीं था। दरअसल, एक कमर्शियल फ्लाइट में इतने टिकट बुक करना मुश्किल था जिसके चलते ये फैसला लिया गया।”
ये था असली कारण
मीडिया रिपोर्ट में पहले चर्चाएं थी कि भारतीय टीम को चार्टर्ड फ्लाइट की सुविधा मुहैया कराई जा सकती है। Covid के एक और बार ज्यादा होते मामलों के बीच भारतीय टीम सुरक्षित तौर कर पहुंचे। इसलिए ऐसा किया जा था है, लेकिन असली वजह ये नहीं कुछ और है। दरअसल भारतीय क्रिकेट टीम के सभी सदस्य और उनकी पत्नियों के साथ इस मात्र में बिजनेस क्लास की टिकट एक साथ किसी कॉमर्शियल फ्लाइट में नहीं होती। इसलिए बीसीसीआई को चार्टर्ड फ्लाइट का बुक करना पड़ा।
कमर्शियल फ्लाइट में 2 करोड़ होता खर्च
मीडिया रिपोर्ट में आगे बताया गया कि “भारतीय दल में मुख्य कोच राहुल द्रविड़ सहित 16 खिलाड़ी और सहयोगी स्टाफ के सदस्य शामिल हैं। इसमें खिलाड़ियों की पत्नियां भी शामिल हैं जो वेस्टइंडीज के दौरे पर पहुंची हैं। आम तौर पर, एक कमर्शियल फ्लाइट में, ये खर्च लगभग 2 करोड़ रुपये रहा होगा। मैनचेस्टर से पोर्ट ऑफ स्पेन के लिए बिजनेस क्लास का टिकट करीब 2 लाख रुपये का होगा। एक चार्टर्ड फ्लाइट अधिक महंगी है, लेकिन यही एक विकल्प बचा था। अधिकांश टॉप फुटबॉल टीमों के पास भी अब एक चार्टर फ्लाइट है। ”