नीमच में चाय बेचने वाले सुरेश गंगवाल का मानना है कि, यदि इंसान कड़ी मेहनत करता है तो उसकी मेहनत जरूर रंग लाती है। इसी मेहनत और लगन के चलते आज सुरेश गंगवाल की बेटी भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग अफसर के पद पर तैनात है। दूसरी बेटी उच्च शिक्षा ग्रहण कर रही है। सिर्फ बेटियां ही नहीं बल्कि बेटा भी इंजीनियर बन कर आज तरक्की कर रहा है। सुरेश गंगवाल की मेहनत और लगन के चलते ही उनके बच्चों ने देश का नाम रोशन किया है , लेकिन वह आज भी चाय की दुकान ही चलाते हैं।
नीमच शहर में चाय बेचने वाले सुरेश गंगवाल की बेटी आंचल गंगवाल ने भारतीय वायुसेना में कड़ी मेहनत और लगन से अफसर का पद हासिल किया है, जो कि उनके लिए बहुत ही गर्व की बात है। पिछले साल जून महीने में आंचल गंगवाल ने राष्ट्रपति पट्टिका का सम्मान भी प्राप्त किया था।
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परेड में मार्च पास्ट करते हुए देख आंचल के परिवार वालों का सीना गर्व से चौड़ा होता है। बच्चों को तरक्की की राह देखकर सुरेश गंगवाल की आंखों में खुशी के आंसू आ जाते हैं।
भारतीय एयरफोर्स में जाने के लिए छोड़ दी सरकारी नौकरी
आंचल गंगवाल को बचपन से ही पढ़ाई करने का बहुत शौक था। साल 2018 में आंचल एयर फोर्स के पद पर चुनी गई। इससे पहले वह मध्य प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर के तौर पर कार्य करती थी। उन्होंने इस दौरान अपनी मेहनत जारी रखीं। सब इंस्पेक्टर की नौकरी छोड़ने के बाद आंचल को लेवल इस्पेक्टर की नौकरी भी मिली, लेकिन उन्होंने भारतीय एयरफोर्स में जाने की तैयारी शुरु की और अपनी नौकरी छोड़ दी।
छठे प्रयास में मिली सफलता
आंचल ने इंडियन एयरफोर्स में जाने के लिए कड़ी मेहनत की लेकिन ये इतना आसान नहीं था। नौकरी पाने के लिए आंचल को 5 बार इंटरव्यू बोर्ड का सामना करना पड़ा। लगातार छठे प्रयास में आंचल को सफलता प्राप्त हुई और उन्हें 22 लोगों के साथ शामिल कर लिया गया। इन सभी लोगों को एयरफोर्स सेवा के लिए शामिल किया गया था। 12वीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान केदारनाथ हादसे के बाद आंचल ने एयरफोर्स में ऑफिसर बनने की ठान ली थी। अब कड़ी मेहनत और लगन से आज वह अपना सपना पूरा कर सकी है।