इन दिनों मध्य प्रदेश के ग्वालियर में नेशनल व्हीलचेयर क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन होने जा रहा है। जिसमें शामिल होने जा रहे पंजाब के रहने वाले दिव्यांग क्रिकेटर विक्रम सिंह की ट्रेन में मौत हो गई है। दरअसल विक्रम अपने बाकी खिलाड़ियों के साथ ग्वालियर जा रहे थे। लेकिन ट्रेन में उनकी तबीयत खराब हो गई जिसके चलते विक्रम साथियों से और रेलवे से भी मदद मांगी। लेकिन मदद में देरी होने की वजह से ट्रेन में ही उनकी मौत हो गई।
विक्रम को समय पर नहीं मिली मेडिकल सहायता
दरअसल विक्रम सिंह के साथी सोमजीत सिंह गौर ने अपने एक बयान में बताया है कि, “सवेरे 4:58 पर रेलवे हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर मेडिकल सहायता मांगी गई थी। लेकिन समय पर मदद नहीं मिलने के कारण करीब 8:10 पर विक्रम सिंह की मौत हो गई।
साथी खिलाड़ी ने रेलवे पर यह भी आरोप लगाया है कि बार-बार कॉल करने के बावजूद भी रेलवे की तरफ से कोई भी मेडिकल टीम नहीं आई। जबकि मथुरा जंक्शन से पहले डेढ़ घंटे तक ट्रेन खड़ी रही। हमने अपनी आंखों के सामने विक्रम को तड़पते हुए दम तोड़ते हुए देखा।
नेशनल व्हीलचेयर क्रिकेट का टूर्नामेंट
विक्रम सिंह पंजाब के पिहड़ी गांव के निवासी थे। वह अपने साथी खिलाड़ियों के साथ नई दिल्ली से ग्वालियर जा रहे थे। जहां नेशनल व्हीलचेयर क्रिकेट टूर्नामेंट होने जा रहा है।
टूर्नामेंट में शामिल होने के लिए अपने 11 साथी खिलाड़ियों के साथ ही वह ट्रेन से सफर कर रहे थे। लेकिन उससे पहले ही उनकी जान चली गई। हालांकि घटना के बाद शव को पोस्टमार्टम हाउस के लिए भेजा गया है। जहां पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को उनका शव सौंप दिया जायेगा।
जीआरपी ने पोस्टमार्टम के लिए शव को भेजा
दिव्यांग खिलाड़ी विक्रम सिंह की ट्रेन से मौत हो जाने के बाद जीआरपी ने उनका शॉप पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। और साथ ही आगे की कार्यवाही भी शुरू करती है।
विक्रम के परिवार को जानकारी देने के साथ ही टीम के बाकी सदस्य टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए ग्वालियर पहुंच चुके हैं। रेलवे ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरी तरीके से जांच पड़ताल के आदेश भी दिए हैं।
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