हम सभी अपने पिता की छत्रछाया में सुरक्षित महसूस करते हैं। आज हम आपकों एक ऐसे बेटे और पिता की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आपको अपने जीवन में प्रेरणा मिलेगी। बेटे ने अपने पिता को निराश नहीं किया और आईएएस (IAS) बनकर उनका सपना पूरा कर दिया।
गोपालगंज में रहने वाले शख्स की प्रेरणादायक कहानी
बिहार के गोपालगंज के रहने वाले प्रदीप सिंह का परिवार वर्तमान में मध्य प्रदेश के इंदौर में रह रहा है। प्रदीप जब 5 साल के थे तभी उनका परिवार बिहार से जाकर इंदौर बस गया था। उनके पिता नौकरी की तलाश करते हुए इंदौर आ गए। पहले प्रदीप सिंह के परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। पिता मनोज पेट्रोल पम्प पर काम करते थे और मां एक हाउस वाइफ है।
प्रदीप के एक भाई निजी कम्पनी में काम करते हैं। आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि प्रदीप के दादा ने अंतिम इच्छा जताई थी कि उनका पोता आईएएस (IAS) बने और अब प्रदीप ने अपने दादा के उस सपने को पूरा कर दिखाया है।
यह भी पढ़े: फिल्मों में आने से पहले भैंस चराते थे खेसारी लाल यादव, पहली फिल्म के लिए मिले थे मात्र इतने रूपये
प्रदीप ने पिछले साल भी यूपीएससी की परीक्षा पास की थी। तब अपने पहले ही प्रयास में प्रदीप ने सिविल सेवा परीक्षा में 93वां स्थान हासिल किया था। वह तब महज 22 की उम्र में आईएएस अफसर बन गये थे। वर्तमान समय में प्रदीप भारतीय राजस्व सेवा (IRS) में बतौर असिस्टेंट कमिश्नर कार्यरत हैं।
पिता की मेहनत का दिखा असर
घर के हालात बेटे प्रदीप की पढ़ाई के मार्ग पर बाधा बनते देख प्रदीप के माता पिता ने काफी मेहनत की। उनके पिता वैसे तो बिहार के रहने वाले थे, पंरतु 1992 में वह मध्यप्रदेश में आकर रहने लगे थे। वहां उन्होंने अपना एक छोटा सा मकान भी बना लिया था। पेट्रोल पंप पर नौकरी कर प्रदीप के पिता अपने परिवार को चला रहे थे। बेटे की पढ़ाई के लिए पिता ने अपना घर तक बेच दिया। बेटे की पढ़ाई में किसी तरह की कमी ना रखने के कारण मां ने भी अपने जेवर भी बेंच दिया।
अपनी पढ़ाई के दौरान प्रदीप जब दिल्ली जा रहे थे, तो उन्होंने अपनी मां पिता से वादा किया था कि अबकी बार वो यूपीएससी की परीक्षा क्लियर करके ही आएंगे। प्रदीप IAS अफसर बनने के लिए दो बार यूपीएससी के पेपर दिए। दूसरी बार में बेटे ने अपने प्रदेश में यूपीएससी में टॉप किया और देश भर में उन्होंने 26 वीं रैंक हासिल की।