इस 26 जनवरी 2021 को नयी दिल्ली के राजपथ पर होने वाली परेड में ब्रह्मोस मिसाइल दस्ते का नेतृत्व बिहार के रहने वाले कैप्टन मो. कमरूल जमां करने वाले हैं. दुनिया भर में अपनी मारक क्षमता के लिए मशहूर ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम को लीड कर कैप्टन जमां बिहार का नाम देश भर में रोशन करेंगे. परेड के दौरान दुनिया भर की नज़र इस मिसाइल पर ही टिकी रहेगी. इंडियन मिलिट्री एकेडमी से 2018 में पास आउट होने के बाद वह अभी भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर हैं. इन दिनों थल सेना की मिसाइल रेजिमेंट में तैनात हैं और देश की सेवा कर रहे हैं. आज हम उनके जीवन के बारे में आप सभी को बताएंगे..
यहां के है रहने वाले
कैप्टन मो. कमरूल जमां सीतामढ़ी जिले के राजा नगर तलखापुर गांव से जुड़े हुए है. उनके पिता का नाम गुलाम मुस्तफा खान है, जो सीतामढ़ी में ही बिजनेसमैन हैं. स्कूली शिक्षा सीतामढ़ी उच्च विद्यालय से पूरी करने के बाद कैप्टन जमां ने सेना में एक जवान के रूप में ज्वाइन किया था.
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साल 2012 में कैप्टन ने आर्मी मेडिकल कोर में एन्ट्री ली। इसके बाद आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज पुणे से बी.फार्मा का कोर्स पूरा किया. इसके बाद आर्मी कैडेट कॉलेज कमीशन पास कर सेना में अधिकारी बनने में कामयाब रहे. आज वो देश की सेवा करने के लिए तन मन धन से अपने को समर्पित कर चुके हैं।
दुनिया का पहला सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम
कैप्टन जमां ने बताया कि
“ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम दुनिया का पहला सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम है. इसकी रेंज 400 किलोमीटर तक है जो तीव्र गति के साथ दुश्मन को निशाना बना सकती है. यह दुनिया के सबसे घातक और शक्तिशाली हथियारों में से एक है जो कि भारत के पास है. इसे भारत और रूस ने मिलकर बनाया है. इसकी गति आवाज से तीन गुणी अधिक है.”
कैप्टन मो. कमरूल को अपने द्वारा मिसाइल का नेतृत्व करने को लेकर खुशी जाहिर की है.